ईरान और इज़राइल का युद्ध: तीसरे दिन भी जारी मिसाइलों और हवाई हमलों की श्रृंखला
ईरान और इज़राइल का युद्ध: तीसरे दिन भी जारी मिसाइलों और हवाई हमलों की श्रृंखला
🔥 स्थिति-सारांश
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तीसरे दिन तक संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा। दोनों देशों ने लगातार मिसाइल और हवाई हमले जारी रखे हैं
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इज़राइल ने ईरानी नाभिकीय व सैन्य स्थलों पर भारी हवाई हमले किए हैं, जिनमें नतांज़ और इस्फ़हान जैसे प्रमुख क्षेत्रों को निशाना बनाया गया—इन हमलों में कम से कम 406 लोग मारे और 654 घायल हुए ।
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इसके जवाब में ईरान ने लगभग 270 मिसाइलें दागीं, जिनमें से 22 सीधे इज़राइल में गिरीं—इस हमले में कम से कम 14 लोग मारे गए 💥 नवीनतम हमले और उनके असर
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ईरान ने तेहरान में रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय को निशाना बनाया, जिसके जवाब में इज़राइल ने तेल अवीव समेत कई शहरी इलाकों पर मिसाइल हमले किए
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Tehran में तेल एवं ऊर्जा संरचनाओं पर आग लग गई—विशेषत: तेल डिपो और गैस रिफाइनरी पर हमले ने आर्थिक चिंता बढ़ा दी है
⚠️ नेतृत्व और रणनीतिक रुख
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इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने खुलकर कहा कि यह ऑपरेशन “ऑपरेशन राइजिंग लायन” है और उसका लक्ष्य सिर्फ परमाणु सुविधाओं को नष्ट करना नहीं, बल्कि ईरानी शासन को कमजोर करना भी है नेतन्याहू ने ईरानी जनता से अपील की कि वे अपनी शासन व्यवस्था के ख़िलाफ़ खड़े हों—उनका कहना है, "तेहरान में गर्मी और आग दोनों बढ़ रही हैं" ।
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इज़राइल का कहना है कि युद्ध लिए यह सिर्फ दिनों का अभियान नहीं, बल्कि “कई हफ्तों” तक चलेगा ।
🤝 अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ
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एर्गनॉमिक् प्रतिक्रियाएँ: ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस ने ईरान से वार्ता की पेशकश की, लेकिन सैन्य कार्रवाई तेज़ होने से कूटनीतिक वार्ताएं मुश्किल हो रही हैं ।
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यूएस भागीदारी: राष्ट्रपति ट्रम्प ने इज़राइल के नाभिकीय हमले की योजना (खामेनेई पर हमला) को वीटो किया—उन्होंने कहा इज़राइल से सिर्फ यही कहा है कि वे अमेरिकी लक्ष्यों को निशाना न बनाएंट्रम्प ने कहा: “मैं भारत–पाकिस्तान समेत कई देशों के बीच समझौता करवा चुका हूँ—इज़राइल और ईरान को भी जल्द समझौता करना चाहिए” ।
🌐 वैश्विक प्रभाव
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ऊर्जा बाजार खतरे में: ईरानी तेल व गैस ढांचे पर हमले से वैश्विक तेल की आपूर्ति और कीमतों पर असर पड़ने की संभावना बढ़ गई है ।
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क्षेत्रीय खतरें: स्ट्रेट ऑफ़ होर्मुज़ पर पारगमन में बाधा, डिजिटल और ड्रोन युद्ध का समावेश, और कई देशों के एयरडिफेंस सक्रिय हो रहे हैं—अब यह मामूली संघर्ष नहीं बल्कि विभीषिका का भयावहर ‘संभावित विश्व युद्ध III’ जैसा रूप लेने लगा है
✅ निष्कर्ष
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यह संघर्ष तीसरे दिन में भी जारी है, दोनों ओर भारी नुकसान हो चुका है।
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नेतन्याहू ‘ग्लोबल ऑपरेशन’ की रणनीति पर टिके हैं, जबकि दुनिया कूटनीतिक स्थिरता व ऊर्जा संकट की आशंका से चिंतित है।
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अमेरिकी भूमिका इज़राइल के समर्थन में है, लेकिन वो सीधे युद्ध की स्थिति में नहीं है; ट्रम्प ‘डील’ की पेशकश कर कूटनीतिक द्वार खोलने पर जोर दे रहे हैं।
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